उत्तराखण्ड में 2019 के मुकाबले 5 प्रतिशत कम रहा मतदान – Rant Raibaar
कम मतदान ने राजनीतिक दलों के साथ सरकारी मशीनरी को भी चौंकाया
देहरादून। उत्तराखण्ड के मतदाताओं ने इस बार के चुनाव में उत्साह नहीं दिखाया। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2024 में मतदान का प्रतिशत 4 से 7 प्रतिशत कम रहने की उम्मीद है। राज्य में कुल 83 लाख मतदाता हैं। पांच लोकसभा सीटों पर 55 उम्मीदवार मैदान में थे।प्रदेश में 11729 पोलिंग बूथ बनाये गए थे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार मतदान का प्रतिशत 58 प्रतिशत के इर्द गिर्द रहने की संभावना है।
हालांकि, देर रात तक कुल मतदान की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी। लेकिन शाम 5 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक पांचों लोकसभा सीटों पर 53.56 प्रतिशत मतदान हुआ। गौरतलब है कि 2019 में शाम 5 बजे तक 58.01प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। कम मतदान से यह साफ हो गया है कि इस बार मोदी लहर का काफी सीमित रही। हालांकि, शादी के मौसम को भी कम मतदान की एक वजह बताई जा रही है। लेकिन 75 प्रतिशत तक मतदान के दावे की उदासीन मतदाताओं ने हवा निकाल दी।
शाम 5 बजे तक हरिद्वार लोकसभा की भाजपा विधायकों वाली सीटों पर मतदान का प्रतिशत कांग्रेस व बसपा से जुड़ी सीटों की अपेक्षा कम रहा। इस आंकड़े से दोनों दलों में गुणा भाग तेज हो गया है। 2024 में कम मतदान के बाद राजनीतिक दलों की धड़कनें तेज हो गयी है।
राज्य का कुल औसत – 53.56
- नैनीताल- 59.36
- हरिद्वार – 59.01
- अल्मोड़ा – 44.43
- टिहरी – 51.01
- गढ़वाल – 48.79
साल 2019 का औसत – 58.01