राष्ट्रीय

केदारघाटी में युद्ध स्तर पर जारी है सड़कों को खोलने का काम- महाराज




केदार घाटी के पड़ावों में फंसे लगभग सभी यात्री सुरक्षित निकाले

पर्यटन मंत्री बोले मार्ग खुलते ही शुरू हो जायेगी केदारनाथ यात्रा

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि केदारनाथ पैदल मार्ग और हाईवे को शीघ्र सुचारु करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है मार्ग खुलते ही पुनः केदारनाथ यात्रा प्रारम्भ कर दी जाएगी। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि 31 जुलाई की रात्रि में अतिवृष्टि के चलते केदार घाटी में रास्ते क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए लगभग सभी तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बलों ने लगातार रेस्क्यू अभियान चला कर सुरक्षित निकाल लिया है।

केदारनाथ पैदल मार्ग और हाईवे को शीघ्र सुचारु करने के लिए राज्य सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है मार्ग खुलते ही पुनः केदारनाथ यात्रा प्रारम्भ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उन्होंने ने हाल ही में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान हर स्तर पर सभी लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के के साथ साथ उनके भोजन-पानी की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था और पूरे रेस्क्यू अभियान की हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे।

कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि केदार घाटी के विभिन्न पड़ावों में फंसे 11775 श्रद्धालुओं एवं तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के साथ-साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने लगभग सभी लोगों को निकाला लिया है। लेकिन इसके बावजूद भी टीमें अभी भी केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चैमासी सहित अन्य पड़ावों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जहां बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग रहा वहीं जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन भी उपलब्ध करवाया गया। राहत एवं बचाव कार्य में वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने भी विशेष भूमिका निभाई है।

केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर आई आपदा के दौरान जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार रेस्क्यू अभियान चलाकर यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास करते रहे तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष संकट की इस घड़ी में सहयोग करने के बजाय सरकार पर दोषारोपण की राजनीति करता रहा।

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