क्राइमराष्ट्रीय

युवक का गला काटकर बीच सड़क पर फेंका शव, आरोपी ने किया सरेंडर

इटावा। दिन दहाडे़ युवक का गला काटकर आरोपी ने कैंटीन से खींचकर बीच सड़क पर लाकर फेंक दिया। इससे दहशत फैल गई, कैंटीन संचालक दौड़कर जीआरपी थाने पहुंचा। उससे पहले आरोपी ने वहां पहुंचकर सरेंडर कर दिया। घटना के ठीक आधे घंटे पहले पुलिस भर्ती परीक्षा छूटी थी। कैंटीन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में आरोपी शव को घसीटते हुए भी दिखाई दे रहा है।

जितेंद्र के पिता नत्थू लाल बीस साल पहले बरेली से इटावा आए थे। उन्होंने फ्रेंड्स कालोनी थाना क्षेत्र के जुगरामऊ गांव में पौधशाला स्थापित की थी। तब से वह परिवार सहित रोहित के मकान में किराए पर रह रहे थे। डेढ़ साल पहले जितेंद्र राहुल की बहन को ले गया था। बरेली के आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। रोहित यादव उर्फ मोनू शटरिंग का काम करता था। पुलिस पूछताछ में बताया गया कि जितेंद्र ने साजिश के तहत शुक्रवार शाम दूसरी सिम से आवाज बदलकर रोहित से बात की।

उसको शटरिंग के सिलसिले में शनिवार दोपहर रेलवे स्टेशन के पास कैंटीन पर बुलाया था। रोहित वहां पहुंचा तो वह भी पीछे से पहुंच गया। जिसके बाद करीब एक घंटे तक उसके साथ बैठा रहा। दो दिन पहले ही नया चाकू लेकर आया था, जिससे उसने कई वार करके हत्या कर दी। हत्या के बाद पुलिस ने रोहित के घर सूचना दी। घर पर रोहित की मां, छोटा भाई प्रियांशु और बहन नेहा ने डर की वजह से दरवाजे अंदर से बंद कर लिए। पुलिस के बुलाने पर कई घंटे तक वह थाने नहीं पहुंचे।

उसके बाद पुलिस उनके घर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। उन्हें समझाया और अपने साथ लेकर थाने आई। रोहित के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। वहीं पुलिस आरोपी की नर्सरी पर मुस्तैद हो गई। उत्तर प्रदेश के इटावा रेलवे स्टेशन के बाहर शनिवार दोपहर युवक ने कहासुनी के दौरान प्रेमिका के भाई पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए, फिर उसकी गला रेतकर हत्या कर दी। दिनदहाड़े हुई वारदात से लोगों में दहशत फैल गई। घटना के बाद आरोपी ने जीआरपी थाने में समर्पण कर दिया। पुलिस ने हत्यारोपी को जेल भेज दिया है।

मूल रूप से बरेली जिले के थाना प्रेमनगर के गोरिया गांव निवासी जितेंद्र की सिविल लाइन थाना क्षेत्र के आंबेडकर चौराहा पर नर्सरी है। वह फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र में किराये के मकान में रहता है। इस दौरान उसके मकान मालिक की बेटी से प्रेम संबंध हो गए थे। दो जनवरी 2023 में दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी रचा ली थी और बरेली चले गए। लड़की के घरवाले इस शादी के खिलाफ थे। लड़की की मां ने जितेंद्र के खिलाफ पुत्री को अगवा करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। कोर्ट में लड़की ने जितेंद्र के खिलाफ बयान दे दिया। जिसके बाद कोर्ट ने युवती को परिजनों के साथ भेज दिया था। परिजन उसकी शादी कहीं और करने जा रहे थे। इस बात को लेकर जितेंद्र रंजिश रखने लगा था।

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