राष्ट्रीयस्वास्थ्य

प्रेग्नेंसी के इन शुरुआती महीनों में सबसे ज्यादा होता है खतरा, इन चीजों का रखना होता है खयाल

मां बनना जितना खूबसूरत एहसास होता है, उतना ही मुश्किलों भरा भी. प्रेगनेंसी का असर महिलाओं के शरीर पर पड़ता है. 9 महीनों तक मां कई तरह के शारीरिक और मानसिक समस्याओं को झेलती है। प्रेगनेंसी से शुरुआती महीने तो बेहद नाजुक होते हैं. प्रेगनेंट होने के बाद 3 महीने तक महिलाओं को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत रहती है।

इस दौरान मिसकैरेज का रिस्क अधिक होता है. 80 प्रतिशत मिसकैरेज 0 से 13  हफ्ते में ही होते हैं. ऐसे में इन महीनों में लापरवाही से बचना चाहिए, कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए और कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिएv

प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में 15 बातों का रखें ख्याल

1. प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने बेहद खास और रिस्की होते हैं, इसलिए किसी से प्रेगनेंसी पर ज्यादा सलाह लेने की बजाय डॉक्टर पर ही भरोसा करें।
2. डॉक्टर घर के पास ही चुनें, ताकि समय पर मेडिकल सर्विस मिलती रहे. अगर गांव में रहती हैं तो आशा दीदी या प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में जाकर नाम दर्ज कराएं और सलाह मानें।
3. डॉक्टर की सलाह से ही खानपान, नींद और एक्सरसाइज का रूटीन बनाएं. तीनों ही आपकी और बच्चे की सेहत के लिए जरूरी हैं।
4. डॉक्टर जांच के बाद फॉलिक एसिड और कैल्शियम जैसे सप्लीमेंट्स दे सकते हैं. उनका रेगुलर तौर पर सेवन करें. फॉलिक एसिड से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स से बच्चे को बचाने में हेल्प मिलती है। आयरन और कैल्शियम मां और बच्चे के हीमोग्लोबीन के लेवल को सही रखकर, हड्डियों को मजबूत बनाता है. दवाईयां लेने में लापरवाही न करें।
5. उल्टी, जी घबराना, मॉर्निंग सिकनेस या कब् जैसी समस्याएं प्रेगनेंसी में नॉर्मल हो सकती हैं, लेकिन ज्यादा परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और उन्हीं के हिसाब से डाइट बनाएं।
6. पेट के निचले हिस्से में दर्द, स्पॉटिंग यानी हल्की ब्लीडिंग या खून दिखे या तेज कमर दर्द हो तो नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए।
7. प्रेगनेंसी में कभी भी अपनी मर्जी से कोई दवा न खाएं. इससे बच्चे और मां दोनों को खतरा रहता है. हमेशा डॉक्टर से पूछकर ही दवाएं लें।
8. करवट के बल लेटने और सोने की ही आदत डालें।
9.  ज्यादा कॉफी, मीठा या कोल्ड ड्रिंक्स न पिएं।
10. सिगरेट, शराब पीती हैं तो तुरंत छोड़ दें।
11. हल्का टहलने की आदत बनाएं. खासकर रात के खाने के बाद वॉक जरूर करें. योगा के कुछ आसान रेगुलर तौर पर करें।
12. पहले तीन महीने में ज्यादा काम या एक्जर्शन से बचें. ज्यादा सफर न करें और बीच-बीच में आराम करें।
13. स्ट्रेस, तनाव से खुद को बचाएं. इसका असर मां और बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है. मेडिटेशन करें, गाने सुनें, कुछ क्रिएटिव चीजें करें।
14. जंक फूड खाने की बजाय गुड़पट्टी, बादाम, अखरोट, काजू, मखाने, या फायदे वाले लड्डू खाएं।
15. डॉक्टर से समय-समय पर मिलती रहें. अपनी टेस्ट करवाएं और कंडीशन को समझें।

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